॥ आरती श्री गुरु गोरख नाथ जी की ॥ ॥ Aarti Shri Guru Gorakh Nath Ji Ki ॥ जय गोरख देवा जय गोरख देवा । कर कृपा मम ऊपर नित्य करूँ सेवा । शीश जटा अति सुंदर भाल चन्द्र सोहे । कानन कुंडल झलकत निरखत मन मोहे । गल सेली विच नाग सुशोभित तन भस्मी धारी । आदि पुरुष योगीश्वर संतन हितकारी । नाथ नरंजन आप ही घट घट के वासी ।…